Thursday, June 25, 2015

अध्याय 1.2 - मनु वंश




1
2
मनु  + शतरूपा  
आकूति

प्रसूति
 
देवहूति  

प्रियव्रत

उत्तानपाद


प्रियव्रत वंश
1
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3
4
5
 मनु  
+शतरूपा  
 प्रियव्रत * +बहिर्ष-मति
अग्नीध्रं+
अपचित्ति
नाभि+मेरुदेवी
ऋषभदेव



किम्पुरुष+
प्रतिरूप




हरी+उग्र-दृष्टि




इला+लता




रम्य




हिरण्यवान +श्यामा




कुरु+नारी




भद्राश्व




केतुमाल+
देवहीति



वपुष्मान


 

द्युतिमान




भव्य




मेधातिथि




सावन




ऊर्जस्वती(काव्या )(शुक्राचार्य की पत्नी)



+शांति
उत्तम
तामस
रैवत


बहीर्ष-माती* - ये विश्वकर्मा की पुत्री थीं  
प्रियव्रत के कर्दम की पुत्री शांती से जो उत्तम ,तामस एवं रैवत नामक पुत्र  हुए वे दुसरे,तीसरे  एवं चतुर्थ मन्वन्तर के  मनु हुए.





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10
भरत +पंचजनी
सुमति + वृद्ध सेना
देवजीत +आसुरी
देवद्युम्न (इन्द्रद्युम्न)+धेनुमति
परमेष्टि + सुवर्चला





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प्रतीह
प्रतिहार +स्तुति
भूमा(भव) +ऋषिकुल्या
उद्दीठ + देवकुल्या
प्रस्ताव + नियुत्सा





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पुत्रविभू+रति
पृथुवेन + आकृति
नक्त + द्रुति
गय  + गायन्ति
चित्ररथ(नर) +ऊर्णा





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सम्राट(विराट) +उत्कल
महावीर्य +विन्दुमति
विन्दुमान(धीमान )+ सर्घा
मधु(महान)+सुमानस
वीरव्रत+भोजा















मन्थु (मनस्यु) +सत्या
भौवन+दूषणा
त्वष्टा +विरोचना
विराज +विषूची
शतजित
प्रमन्थु



अन्य 99 पुत्र पुत्र एवं एक कन्या





















उत्तानपाद, ध्रुव वंश
1
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3
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5
मनु  
+
शतरूपा  
उत्तानपाद 
+सुनीति 
ध्रुव 
+ब्राह्मी
(शिशुमार-पुत्री )
+इला
(वायु-पुत्री )
वत्सर (शिष्टि)
+स्वरवीथी (सुछाया)
पुष्पर्णा                                                                                                                        (रिपु) +प्रभा (बृहती, दोषा))




रिपुंजय
विप्रा
वृकाल
वृकतेजा



कल्प




उत्कल(भव्य)
शम्भु






+सुरुचि 
  उत्तम







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10
व्युष्ट +
पुष्करणी*
सर्वतेजा
चक्षु (मनु ) + नड्वाला
उल्मूक +आग्नेयी
अंग +सुनीथा
ये जो उपरोक्त चक्षु हुए ,ये छटवे मन्वन्तर के मनु थे।
उपरोक्त पुष्करणी वरुण कुल मे उत्पन्न वीरन प्रजापति की पुत्रि  थीं
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वेन
पृथु +अर्चि
अन्तर्धान (विजिताश्व)
+नभस्वाति
+शिखण्डिनी
हविर्धान +धृष्णा
बहिरषद
(प्राचीन-वही )
+सुवर्णा
उपरोक्त जो पृथु हैं , ये इतिहास के प्रसिद्ध राजा हुए, इन्हीके नाम पर हमारे ग्रह का नाम पृथ्वी रखा गया.
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10 प्रचेता
+
मरिषा
दक्ष
+
असिक्नी  
50 पुत्रियाँ


















दक्ष प्राचेतस ने अपनी 50 पुत्रियों मे से 10 का विवाह धर्म से 27 का चन्द्रमा से 13 का विवाह मरीची पुत्र कश्यप से किया               
         ये दक्ष पूर्व जन्म मे स्वयंभुव दक्ष थे जिनकी पुत्री सती थीं . इन्हीके यज्ञ  मे मा सती ने अपना शरीर त्याग दिया था, जिसकी वजह से शिवगण वीरभद्र ने दक्ष का सर काट दिया था. बाद मे हालांकि भगवान शिव  ने उनके शरीर  पर बकरे का सर लगा दिया था. लेकिन इन सभी घटनाओं की वजह से दक्ष ने भी प्राण त्याग दिये थे ओर अगले जन्म मे ये ध्रुव वंश मे पैदा हुए.

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